Ohe! Vaiṣṇava Ṭhākura (in Hindi)
ओहॆ! वैष्णब ठाकुर दॊयार सागर
ए दासॆ कोरुणा कोरि’
दिया पद-छाया, शोधो हॆ आ माय,
तॊमार चरण धोरि
छय बॆग दोमि’, छय दोष शोधि’
छय गुण देहो’ दासे
छय सत्संग, देहो’ हॆ आमारे,
बॊषॆछि संगेर आशे
एकाकी आमार, नाहि पाय बल
हरि-नाम-संकीर्तने
तुमि कृपा कोरि’, श्रद्धा-बिंदु दिया,
देहो कृष्ण-नाम-धने
कृष्ण सॆ’ तॊमार, कृष्ण दितॆ पारो,
तॊमार शकति आछॆ
आमि तो’ कांगाल, ‘कृष्ण’ ‘कृष्ण’ बोलि,
धाइ तव पाछॆ पाछॆ
ध्वनि
- श्री अमलात्म दास तथा भक्त वृन्द- इस्कॉन बैंगलोर