Gaurā Pahū (in Hindi)
गोरा पहुन् ना भजिया मैनु
प्रेम-रतन-धन हेलाय हाराइनु
अधने जतन कोरि धन तेयागिनु
आपन करम-दोषे आपनि डुबिनु
सत्संग छाडि ‘ कैनु असते विलास्
ते-कारणे लागिलो जे कर्म-बंध-फान्स्
विषय-विषम-विष सतत खाइनु
गौर-कीर्तन-रसे मगन ना हैनु
केनो वा आछये प्राण कि सुख पाइया
नरोत्तम् दास् केनो ना गेलो मरिया
ध्वनि
- श्री अमलात्म दास तथा भक्त वृन्द- इस्कॉन बैंगलोर