Aruṇodaya-kīrtana Part II-Jīv jāgo (in Hindi)
जीव जागो जीव जागो, गौरचांद बोले
कोत निद्रा जाओ माया पिशाचीर-कोले
भजिबॊ बोलिया ऎसॆ संसार-भितरे
भुलिया रोहिलॆ तुमि अविद्यार भरे
तॊमारॆ लोइते आमि हॊइनु अवतार
आमि बिना बंधु आर कॆ आछॆ तॊमार
एनॆछि औषधि माया नाशिबारॊ लागि
हरि-नाम महा-मंत्र लओ तुमि मागि
भकति विनोद प्रभु-चरणे पडिया
सॆइ हरिनाम मंत्र लॊइलॊ मागिया
ध्वनि
- श्री अमलात्म दास तथा भक्त वृन्द- इस्कॉन बैंगलोर