Dainya O Prapatti- Hari He Doyāl Mor (in Hindi)
हरि हे दोयाल मोर जय राधा-नाथ्
बारो बारो एइ-बारो लोहो निज साथ्
बहु जोनि, भ्रमि’ नाथ! लोइनु शरण्
निज-गुणे कृपा कोरो’ अधम-तारण्
जगत-कारण तुमि जगत-जीवन्
तोमा छाडा कार नहि हे राधा-रमण्
भुवन-मंगल तुमि भुवनेर पति
तुमि उपेखिले नाथ, कि होइबे गति
भाविया देखिनु एइ जगत- माझारे
तोमा बिना केहो नाहि ए दासे उद्दारे
ध्वनि
- श्री अमलात्म दास तथा भक्त वृन्द- इस्कॉन बैंगलोर