Mānasa Deha Geha (in Hindi)
मानस, देहो, गेहो, जो किछु मोर्
अर्पिलु तुवा पदे, नन्द-किशोर्
संपुदे विपदे, जीवने-मरणे
दाय् मम गेला, तुवा ओ-पद बरणे
मारोबि राखोबि-जो इच्छा तोहारा
नित्य-दास प्रति तुवा अधिकारा
जन्माओबि मोए इच्छाजदि तोर्
भक्त-गृहे जनि जन्म हउ मोर्
कीट-जन्म हउ जथा तुवा दास्
बहिर्मुख ब्रह्म-जन्मे नाहि आश्
भक्ति-मुक्ति-स्पृहा विहीन जे भक्त
लभइते ताको संग अनुरक्त
जनक, जननी, दयित, तनय्
प्रभु, गुरु, पति-तुहू सर्व-मोय्
भकतिविनोद कोहे शुनो कान!
राधा-नाथ! तुहु हामार पराण
ध्वनि
- श्री अमलात्म दास तथा भक्त वृन्द- इस्कॉन बैंगलोर