Lālasāmayī Prārthana (in Hindi)
‘गौरांग’ बोलिते हबे पुलक – शरीर
‘हरि हरि’ बोलिते नयने ब’बे नीर
आर कबे निताइ-चान्देर् कोरुणा होइबे
संसार-बासना मोर कबे तुच्छ ह’बे
विषय छाडिया कबे शुद्ध ह’बे मन
कबे हाम हॆरबो श्री-वृंदावन
रूप-रघुनाथ-पदे होइबे आकुति
कबे हाम बुझबो से जुगल-पीरिति
रूप-रघुनाथ-पदे रहु मोर आश
प्रार्थना कोरोये सदा नरोत्तम-दास
ध्वनि
- श्री अमलात्म दास तथा भक्त वृन्द- इस्कॉन बैंगलोर